हिंदी भारत में सबसे महत्वपूर्ण भाषा है और सभी भारतीयों को इसे अच्छी तरह से पढ़ने और लिखने में सक्षम होना चाहिए। आजकल लोग हिंदी को उतना महत्व नहीं दे रहे हैं जितना देना चाहिए और अंग्रेजी पर ज्यादा ध्यान दे रहे हैं। हालाँकि, हिंदी वास्तव में हम सभी के लिए महत्वपूर्ण है। हिंदी सीखने के लिए, हमें पहले भाषा के बिल्डिंग ब्लॉक्स को समझने की जरूरत है जिसे मात्रा कहा जाता है। ये हमें नए शब्द और वाक्य बनाने में मदद करते हैं। एक महत्वपूर्ण मात्रा को “अ” कहा जाता है और जब हम इसे कहते हैं तो यह “अंग” जैसा लगता है। यह जानना महत्वपूर्ण है कि मात्रा शब्दों का सही उपयोग कैसे किया जाए, इसलिए हमारे पास संख्याओं के साथ शब्दों की एक सूची है, जिससे कुछ ऐसे छात्रों के लिए इसे आसान बनाया जा सकता है, जिन्हें इससे परेशानी हो सकती है। Ang Ki Matra Wale Shabd
‘अं’ की मात्रा वाले शब्द जोड़ के रूप में
ह + ं + स = हंस
क + ं + स + कंस
त + ं + ग = तंग
र + ं + ग = रंग
अ + ं + ड + ा = अंडा
घ + ं + ट + ी = घंटी
च + ं + द + ा = चंदा
म + ल + ं + ग = मलंग
प + स + ं + द = पसंद
च + ं + द + न = चंदन
प + त + ं + ग = पतंग
अ + ं + ध + क + ा + र = अंधकार
इ + ं + क + ल + ा + ब = इंकलाब
प + ं + च = पंच
अ + ं + ग = अंग
प + ं + थ = पंथ
ब + ं + द = बंद
स + ं + ग = संग
स + ं + घ = संघ
ग + ं + द + ा = गंदा
ल + ं + ब + ा = लंबा
ड + ं + ड + ा = डंडा
म + ं + च + न = मंचन
च + ं + द + न = चंदन
ब + ं + ज + र = बंजर
इ + ं + त + ज + ा + र = इंतजार
स + त + र + ं + ग = सतरंग
अ + ं + ग + र + क्ष + क = अंगरक्षक
दो अक्षर वाले अं की मात्रा वाले शब्द(Ang Ki Matra Wale Shabd)
तंत्र | तंगी | बंशी | मंदी |
मंडी | फंदा | लंका | अंशु |
अंजू | शंका | शंख | संत |
संघ | संजू | मांग | मंच |
कंद | नंद | भ्रांति | भांड |
भांग | भंग | संग | गंजा |
गांजा | गंगा | टेंट | तंज |
खंड | कंठ | कंडा | कांता |
क्रांति | कंस | आंत | कंचा |
कंघा | कंधा | अंत | अंडा |
अंश | अंक | अंध | अंग |
जिंदा | हांडी | तांबा | सांस |
फांस | चांस | मांग | चांदी |
मंत्री | संजू | मंडी | भिंडी |
चींटी | खूंटी | झंडा | गंज |
मंजू | तंबू | फंद | गंद |
बांटी | बंटी | घंटी | लंका |
पंखा | शंख | अंकु | फंसा |
हंस | पंख | बंद | हींग |
मांग | जांघ | गंगा | लंबा |
अंडा | अंत | पंथी | मंकी |
क्रांति | डंडी | चंपू | कंगी |
घंप | आंच | लांच | कांजी |
वंशी | हांजी | शांति | टांग |
चोंच | झंडा | भांति | यंत्र |
काँपी | चंग | शांत | बांक |
चांद | चंगा | आंख | बैंक |
बांकी | घंटे | तंत्र | मंत्र |
बंग | मंत्र | बंता | ट्रंप |
घंटे | जंत्र | सांप | गेंती |
तीन अक्षर वाले अं की मात्रा वाले शब्द
आनंदी | अंजलि | कांग्रेस | मंदिर |
मंथन | रंजन | इंडिया | कलंक |
मंजर | संकट | बसंती | बसंत |
अंजना | चिंतन | आंकड़ा | संसार |
अंगद | चांदनी | भंडार | पलंग |
अंकुर | बंजर | चिंगारी | कंपनी |
जयंती | पांडव | चंचल | अनंत |
संयम | पंचांग | छलांग | तांत्रिक |
संहार | भंडारा | मलंग | जंगल |
जंतर | अंतर | संतरा | महंगा |
लहंगा | मंगल | सुरंग | आनंद |
प्रबंध | बंदर | खंजर | प्रांगण |
संबंध | बंगला | बंजर | आँगन |
मंथन | बंगाली | चंदन | कंगन |
बंधन | बंगाल | मंचन | कंचन |
खूंखार | पतंग | कंबल | प्रचंड |
अंगूर | प्रचंड | संजना | अंजलि |
अंदर | संदेश | रंजना | चिंतन |
परंतु | नंबर | रंजीत | झंझट |
भंवरी | मंजूरी | सत्संग | दबंग |
तंबाकू | पंकज | संलग्न | संख्या |
खंडित | छलांग | गांन्स | अंकित |
पंडित | जंयती | करंट | गंतव्य |
जंगली | मंडूक | अंकुश | आंकड़ा |
पंथरी | चंडूल | मंगल | जेंटल |
पंखुड़ी | गंभीर | चंगुल | मेंटल |
नंदन | संपर्क | संक्रांति | संजय |
संतान | संघीन | गारंटी | संग्राम |
ऑनर | रंगीन | वारंटी | सिंचित |
संवाद | बांटना | अंग्रेजी | किंचित |
चार अक्षर वाले अं की मात्रा वाले शब्द
खंडपीठ | मापदंड | शंकरना | चंपारण |
गणतंत्र | स्वतंत्र | घंटाघर | सरपंच |
निरंजन | संगठन | सतसंग | अलंकार |
वृंदावन | इंतकाम | शतरंज | अंतराल |
अंकुरित | इंतजाम | चंपारण | प्रजातंत्र |
मंगलवार | चितरंज | अंधकार | पंचमुखी |
संस्कार | मनोरंजन | गंगाराम | चुकंदर |
सिकंदर | संशोधन | संरक्षण | संभावना |
संप्रदाय | संगठन | प्रतिबिंब | निमंत्रण |
संपादन | संक्रमण | प्रतिबंध | दंडनीय |
संपादक | षड़यंत्र | पंजीकृत | लोकतंत्र |
संतुलित | शतरंज | नीलकंठ | तीरंदाजी |
संतुलन | पंचायत | निमंत्रित | अभियंता |
संजीवनी | मूलमंत्र | मंत्रीगण | भवंडर |
बवंडर | संकलन | अवंतिका | मंदाकिनी |
एकपंथ | नसबंदी | एकदंत | गंजापन |
पंगेबाजी | गंगाजल | अंतकाल | पंछीवाला |
गंगापुर | दिसंबर | अंधकार | पचरंगी |
घंटाघर | सितंबर | अलंकार | अतरंगी |
शुभांकर | मांगलिक | रंगहीन | सतरंग |
सांसारिक | अमंगल | गंगाधर | सतरंगी |
सांगानेरी | भयंकर | अँधियारा | खंगालना |
नवंबर | महंगाई | अंगरक्षक | झारखंड |
गंगाधर | अहंकार | अंतर्मन | चंदूलाल |
पंचवटी | आंतरिक | पंचतत्व | इंटरनेट |
अं की मात्रा के वाक्य
- मैं मंदिर गया था।
- आज विद्यालय बंद है।
- मेरे संग रहीम गया था।
- वो हमारे गांव के सरपंच है।
- वहां बहुत अंधेरा था।
- राम पलंग पर नहीं बैठा था।
- गंगा पवित्र नदी है।
- मामा के साथ जंगल गया था।
- बंदर पेड़ पर बैठे हैं।
- पंखा चल रहा है।
- आज मंगलवार है।
- वह भगवान शंकर का मंदिर है।
- सुरेश अंदर आया।
- बच्चे ने घंटी नहीं बजाई।
- वह गांव गया।
- उसका नाम गंगाधर है।
- अंगूर खट्टे है।
- उसने शंख बजाया।
- उसका रंग काला है।
- आज बसंत पंचमी है
- गंगा पवित्र नदी है।
- सुरेश अंदर आया।
- बच्चे ने घंटी बजाई।
- वह गांव गया।
- मेरे संग रहीम आया था।
- वो हमारे सरपंच है।
- उसका नाम गंगाधर है।
- अंगूर खट्टे है।
- आज विद्यालय बंद है।
- वहां अंधेरा था।
- राम पलंग पर बैठा था।
- आज बसंत पंचमी है।
- मैं मंदिर गया था।
- उसका सन्देश आ गया।
- यह हमारा ही अंग है।
- बच्चे पतंग उड़ा रहे है।
- चंदन बहुत महंगा है।
- आज सरपंच आये थे।
- जंगल से आवाज आई थी।
- गंगा बहुत पवित्र है।
- पक्षी के पंख होते हैं।
- घंटी बज गई है।
- मंच पर मेहमान आ गये है।
- भारत जंग जीत गया है।
- उसने शंख बजाया।
- उसका रंग काला है।
- यह काम एक घंटे में हो गया।
- हम पांच जने थे।
- पंडित जी ने पूजा कर दी है।
- आज मेरा नंबर आया है।
- बलवंत ने अच्छा काम किया।
FAQ
1: अं अक्षर को क्या कहते हैं?
वे वर्ण जिनकी गिनती न तो स्वरों में होती है और न व्यंजनों में, अयोगवाह कहलाते हैं। ये हैं-अं, अँ और अः। इन्हें क्रमशः अनुस्वार, अनुनासिक और विसर्ग कहा जाता है।
2: अं और अ क्या कहलाते हैं?
हिन्दी वर्णमाला में अनुस्वार ( ं ) को अं तथा विसर्ग (:) को अः के रूप में लिखा जाता है। इन्हें स्वर तथा व्यंजन की श्रेणी में न रखकर अयोगवाह कहा जाता है क्योंकि इनका उच्चारण किसी स्वर के बाद ही होता है अर्थात् इनके उच्चारण के पहले स्वर आता है, इसलिए इन्हें ‘अ’ आदि स्वरों के साथ संयुक्त करके ही लिखा जाता है।