हिंदी भाषा में विशेष ध्वनियाँ होती हैं जिन्हें “मात्राएँ” कहते हैं और उनमें से एक को “री” कहते हैं। यह ध्वनि बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि यह हिंदी के कई महत्वपूर्ण शब्दों को बनाने में मदद करती है। इस आर्टिकल में हम ऋ की मात्रा वाले शब्द(Ri Ki Matra Wale Shabd) पढ़ेंगे।
हम कुछ ऐसे शब्दों के बारे में सीखेंगे जिनमें “री” ध्वनि है और हमारे पास चित्र और वाक्य भी हैं जो हमें समझने में मदद करते हैं। आप इन शब्दों के प्रयोग का अभ्यास करने के लिए वर्कशीट भी डाउनलोड कर सकते हैं। जब हम कुछ सीखना चाहते हैं, तो हम इसे इंटरनेट पर देख सकते हैं। छात्रों के लिए भी वहां बहुत सारी जानकारी है।
री हिंदी की एक विशेष ध्वनि है जो महत्वपूर्ण शब्द बनाने में मदद करती है। इस ध्वनि का प्रयोग करके हम दो, तीन, चार या पाँच अक्षरों से शब्द बना सकते हैं। हम आपको इन शब्दों के साथ तस्वीरें और वाक्य दिखाएंगे। आप इन शब्दों के प्रयोग का अभ्यास करने के लिए वर्कशीट भी डाउनलोड कर सकते हैं। आजकल, जब हम कुछ सीखना या खोजना चाहते हैं, तो हम इंटरनेट पर जाते हैं। छात्रों को ऑनलाइन पढ़ाई में मदद करने के लिए भी बहुत कुछ है। हमारे पास एक वेबसाइट है जहां हम हिंदी भाषा के बारे में बात करते हैं और हमने शब्दों की एक सूची बनाई है कि वे कितने पैसे के लायक हैं।
ऋ की मात्रा वाले शब्द जोड़ के रूप में
क + ृ + ष = कृष
क + ृ + प + य + ा = कृपया
घ + ृ + ण + ा = घृणा
स + ृ + ज + न = सृजन
म + ृ + ग = मृग
क + ृ + ष + क = कृषक
म + ृ + त + क = मृतक
ग + ृ + ह = गृह
म + ृ + त = मृत
म + ा + त + ृ = मातृ
प + ृ + थ + क = पृथक
ह + ृ + द + य = हृदय
अ + म + ृ + त = अमृत
व + ृ + त्त = वृत्त
व + ृ + त्त = वृत्त
ग + ृ + ह = गृह
क + ृ + त = कृत
घ + ृ + त = घृत
म + ृ + ग = मृग
क + ृ + ग = कृग
म + ृ + त = मृत
स + ृ + ज + न = सृजन
म + ृ + त + क = मृतक
अ + म + ृ + त = अमृत
क + ृ + त + ज = कृतज
म + स + ृ + ण = मसृण
स + र + ी + स + ृ + प = सरीसृप
अ + ि + त + ग + ृ + ह = अतिगृह
अ + म + ृ + त + स + र = अमृतसर
म + ृ + ग + र + ा + ज = मृगराज
व + ृ + क्ष + ा + स + न = वृक्षासन
2-अक्षर के ‘ऋ’ की मात्रा वाले शब्द (Ri Ki Matra Wale Shabd)
पृथु | कृति | भ्रातृ | मृग |
दृक | तृषा | ऋत | ऋजु |
वृत | सृष्टि | गृह | भृत |
भृंग | गृद्ध | तृण | कृपा |
बृक्ष | घृत | दृढ़ | मृड |
मृदा | भृश | शृंग | भृग |
ऋत | ऋक | वृथा | दातृ |
दृग | सृत | मृदु | वृद्धि |
पितृ | ऋण | वृंद | मातृ |
मृद्वी | सृप | वृक्षा | कृत |
घृणा | कृष | कर्तृ | ऋषि |
मृत | लृट | कृति | भृगु |
कृपा | कृत | पितृ | मृदा |
पृष्ठ | ऋचा | ऋषि | वृधा |
गृह | मृदा | मृत | वृत्त |
कृष | मृग | वृक्ष | वृद्धा |
प्रवृ | दृढ | धूर्त | कृश |
कृमि | घृत | कृक | कृत |
तृन | तृण | तृक्ष | मृत |
मृदु | कृषि | कृपा | वृथा |
दृति | धृत | नृप | वृत |
घृण | पृथ | मृद | मृम |
भृप | वृष | ऋण | ऋषि |
3 अक्षर के ‘ऋ’ की मात्रा वाले शब्द
कृत्रम | संकृत | गृहिणी | मृगनी |
मृदुल | श्रृंगार | प्रवृति | पृथक |
दृश्य | वृषभ | तृष्णा | पृथ्वी |
ऋषभ | सृजन | दृश्य | कृतघ |
कृपाल | पृथक | अमृत | कृष्ण |
कृत्रिम | कृपया | कृपालु | कृपक |
कृत्य | कृतज्ञ | भृकुटि | मृत्यु |
मृगेंद्र | मृगेश | मृतक | पृथ्वी |
पृष्ठ | पृथक | कृतक | अमृख |
वृजक | मृदंग | मृणाल | गृहिणी |
वृषभ | वृद्धि | बृजेश | बृहद |
वृजन | हृदय | तृतीय | श्रृंखला |
श्रृंगार | श्रृद्धा | ऋषियों | ऋतिक |
दृष्टि | अमृता | प्रवृति | प्राकृत |
वृजन | वृहत | आकृति | प्रकृति |
भृकुटि | कृपाण | कृषक | कृतज्ञ |
कृतज | ऋग्वे | मृदुल | तृतीय |
नृत्या | वृश्चिक | वृतांत | श्रृंखल |
विकृत | मृगारि | ऋषभ | सृजन |
तृतीया | शृगाल | कृष्ण | पृथ्वी |
4 अक्षर के ‘ऋ’ की मात्रा वाले शब्द
गृहमंत्री | गृहस्थ | गृहस्थी | पृथकता |
कृतघ्न | कृतज्ञता | कृतमाल | तृतीयक |
तृणमूल | तृतीयेश | घृतधारा | गृहपति |
पृश्निका | भृंगराज | भृगुवंशी | भृगुपति |
भृगुनाथ | भृगुरेखा | श्रृंखलाओं | दृष्टिकोण |
दूरदृष्टि | दूरदृष्टा | स्वीकृति | अदृश्य |
वृक्षासन | कृषिमंत्री | कृषिगत | ऋषिकेश |
उत्कृष्ट | उत्कर्ष | अनुवृत्ति | बृंदावन |
अतिगृह | कृष्कान्त | मृणालिनी | अनावृति |
पृथ्वीनाथ | वृद्धावस्था | ऋषिकेश | अतिथिगृह |
नदीमातृ | मृत्युंजय | पृथ्वीपति | वृक्षासन |
धृतराष्ट्र | पुरावृति | परिष्कृत | गृहत्याग |
सरीसृप | दूरदृष्टि | मृत्युलोक | प्रतिकृति |
कृपाचार्य | आकृतिम | ओलावृति | वृक्षावली |
भृंगराज | परिष्कृत | मृगराज | ऋत्विजा |
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ऋ की मात्रा वाले वाक्य (Ri Ki Matra Wale Shabd)
- सीता नृत्य कर रही है।
- स्कूल में बच्चे पुस्कृत किए गए।
- जंगल में मृग घास खा रहा है
- समय के साथ लोगों को जागृत होना चाहिए
- अमृता बाहर दौड़ रही है।
- आज हम स्वर्ण मंदिर अमृतसर मे देखने जाएंगे ।
- जंगल मे वृक्ष से पत्ते गिर रहे है।
- पृथ्वी संतरा जैसी गोल है।
- प्रकृति के साथ खिलवाड़ नहीं करना चाहिए।वृत गोल होता है।
- ऋषि जंगल मे तप कर रहा है।
- आज ऋतु परिवर्तन होने वाला है।
- वह कृत्रिम वस्तु उपयोग करता है।
- लोग मृतक को ले जा रहे है।
- राम कल गृह प्रवेश करेगा।
- गेंद की आकृति गोल है।
- पृथ्वीराज बहुत महान था।
- मेरे पिता जी की दूरदृष्टि अभी भी बहुत मजबूत है
- मोहन अपने परिवार के साथ बृंदावन गया है।
- जंगल में महर्षि तप कर रहे है।
- कृष्ण नाच रहा है।
- भारत एक कृषिप्रधान देश है।
- मुझे बृहस्पतिवार को दिल्ली जाना है।
- भारत के वर्तमान गृहमंत्री श्री अमित शाह है।
- मैंने अपने खेत में एक वृक्ष लगाया।
- रमेश अपने दोस्तों से घृणा करता है।
- हमारे विद्यालय के संस्कृत अध्यापक का नाम कवरपाल है।
- कविता गर्मी की छुट्टियों में नृत्य सीख रही है।
- ऋचा राशन का सामान खरीदने बाजार जा रही है।
- पृथ्वीराज एक महान सम्राट था, जिसने कई बड़ी लड़ाइयां जीती।
- अगले रविवार को हम अपने स्कूल में वृक्षारोपण करेंगे।
- हम अमृतसर में स्थित स्वर्ण मंदिर देखने जाएंगे।
- महाभारत में हस्तिनापुर के महाराज का नाम धृतराष्ट्र था।
- कृष्णलाल ने कपड़ो का व्यवसाय शुरू किया।
- तुम वृंदावन कब जा रहे हो?
- वृद्धावस्था में इंसान का शरीर कमज़ोर हो जाता है।
- कृषिमंत्री ने किसानो के लिए सरकारी योजना का ऐलान किया।
- कृपया, मेरे लिए ठंडा पानी लाना।
- सुरेंद्र ने घर बनाने बैंक से ऋण लिया।
- ऋषभ अपना कक्षा का एक होनहार छात्र है।
- हृदय हमारे शरीर के सबसे महत्वपूर्ण अंगो में से एक है।
- मेरे पास वृषभ है।
- पृथक हो जाओ।
- श्रृंखला बनाओ।
- घृणा नहीं करो।
- हमेशा मृदु वचन सुनो।
- आज ऋषि आये हुए है।
- नृत्य अच्छा है।
- कृषक कृषि कर रहा है।
- अमृत जैसा बोलो।
- हृदय कोमल है।
- मृग दौड़ रहे हैं।
- मेने मृग देखा।
- वह कृषि करता है।
- वृक्ष की छाया है।
- पृथ्वी घुमती है।
1: ऋ की मात्रा कैसे लिखें?
‘र’ व्यंजन वर्ण है
‘ऋ‘ स्वर वर्ण है
‘ऋ’ की मात्रा ‘ृ’ है, जैसे – वृक्ष, मृग, अमृत
‘र’ का रूप र्म, र्क, र्य है जैसे सूर्य, गर्व, अर्क, अधर्म
‘ऋ‘ का प्रयोग जिस किसी भी शब्द के साथ होता है, वह तत्सम (संस्कृत का शब्द) शब्द ही होता है।
2: ऋ का उच्चारण कैसे करें?
जीभ को तालु पर लगा कर बार-बार जो र्र बोला जाता है वही ऋ का सही उच्चारण है..