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Vidyarthi jeevan essay in Hindi

विद्यार्थी जीवन पर निबंध | Vidyarthi jeevan essay in Hindi

Vidyarthi jeevan essay in Hindi– अगर आप भी विद्यार्थी जीवन पर निबंध खोज रहे है, तो आप बिल्कुल सही जगह आये है। इस लेख में हमने आपके लिए विद्यार्थी जीवन पर बहुत ही सुन्दर और सरल भाषा में निबंध लिखा है। ये निबंध सभी छात्रों के लिए मददगार साबित होगा। आपसे अनुरोध है, कृपया इस निबंध को पूरा पढ़े।

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विद्यार्थी जीवन पर निबंध | Essay on Student Life in Hindi

Vidyarthi jeevan essay in Hindi

विद्यार्थी जीवन मनुष्य के जीवन का वह काल होता है, जिसमें वह विद्या ग्रहण करता है। यह उसके जीवन का स्वर्णिम काल होता है। इस काल में विद्यार्थी अपने शरीर तथा मस्तिक दोनों को विकसित करता है। इस काल में उसे अपने अधिकारों के साथ साथ अपने परिवार, समाज तथा राष्ट्र के लिए अपने कर्तव्यों का भी ज्ञान हो जाता है।

विद्यार्थी जीवन दूसरे शब्दों में उसके ब्रह्मचार्य का जीवन होता है। यह समय उसके जीवन की एक नीव होती है,  जिस पर वह अपने भावी जीवन के भवन खड़ा कर सकता है। यदि वह अपने भावी जीवन को सुख में बनाना चाहता है, तो उसे बुरे लोगों की संगति से बचना चाहिए। शील, विनय, सदाचार, गुरुजनों का आदर, अनुशासन आदि विद्यार्थी के विशेष गुण होते हैं।  

विद्यार्थी यह शब्द- विधा + अर्थी से बना हुआ है। जिसका अर्थ होता है- विद्या प्राप्त करने वाला। केवल विद्या प्राप्त करने से विद्या हासिल नहीं होती है। उसको प्राप्त करने के लिए बहुत कठिन परीक्षण करना पड़ता है।

विद्यार्थी जीवन में समय का बहुत ही महत्व होता है। जो विद्यार्थी समय का सदुपयोग करना सीख लेते है, वह समझो जीवन जीना सीख लेते है। विद्यार्थी जीवन अनमोल है। हममें से अधिकांश विद्यार्थी समय के महत्व को नहीं समझते हैं। यदि हमने अपने समय को बातचीत और आलस्य में नष्ट किया तो सफलता हमारी पकड़ से कोसों दूर हो जाएगी। 

मानव जीवन में समय को सबसे ताकतवर माना गया है। समय को खोना और जीवन से हाथ धोना एक ही बात है। प्रत्येक कार्य समय पर पूरा करना चाहिए समय बीत जाने के बाद उस कार्य का कोई महत्व नहीं रहता और ना ही हमें मानसिक संतुष्टि मिलती है। समय अमूल्य धन है। विद्यार्थी समय का सही प्रयोग करें। ज्यादातर विद्यार्थी परीक्षा के पूर्व में सोचते हैं, कि अभी बहुत समय बचा है, परीक्षा की तैयारी के लिए जब परीक्षा नजदीक आते हैं, परीक्षा में बैठते हैं तो डर जाते हैं तो कुछ पढ़ाई नहीं करते हैं।

मनुष्य को इस विद्यार्थी जीवन में ही अपने शरीर को भी खेलकूद व व्यायाम द्वारा हष्ट पुष्ट बनाना चाहिए, क्योंकि स्वस्थ शरीर में ही स्वस्थ मस्तिष्क का निवास होता है। इस काल में मनुष्य को सादा जीवन तथा उच्च विचार के आदर्श को अपनाना चाहिए। तभी उसका भावी जीवन श्रेस्ट बन सकता है।

विद्यार्थी जीवन किसी भी व्यक्ति के जीवन का एक महत्वपूर्ण समय होता है। विद्यार्थी जीवन में ही हर व्यक्ति अपने जीवन को सफल और परिपूर्ण बनाने के लिए अच्छा ज्ञान प्राप्त करता है। जितना भी ज्ञान उसे विद्यार्थी जीवन में मिलता है, वह उसके जीवन में बहुत अधिक काम आता है।

‘विद्यार्थी जीवन’ को मानव का आधार माना जाता है। किसी भी व्यक्ति के जीवन के सभी कालों में से विद्यार्थी जीवन का कॉल बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। एक व्यक्ति के जीवन में विद्यार्थी काल बाल्यकाल से ही शुरू हो जाता है। बाल्यकाल कोमल पौधों के समान होता है, जिस को सही मार्गदर्शन की बहुत जरूरी होती है। 

विद्यार्थी जीवन सोने के समान होता है, जिसको जितना घिसा जाए उतना ही चमकता है। विद्यार्थी जीवन में ही व्यक्ति का मानसिक विकास होता है जिससे व्यक्ति को यदि विद्यार्थी जीवन में सही शिक्षा दी जाए और अनुशासन सिखाया जाए तो वह भविष्य में एक अच्छा व्यक्ति बनता है। और इसके विपरीत व्यक्ति को अधिक विद्यार्थी जीवन में ही सही शिक्षा ना देकर गलत संगत में पड़ जाए और अनुशासन का पालन भी ना करें तो वह भविष्य में भी गलत काम करता रहेगा और उसका जीवन कचरे के सामान हो जाएगा। इसलिए विद्यार्थी जीवन में सही शिक्षा मिली बहुत आवश्यक होता है।

विद्यार्थी को अपने विद्यार्थी जीवन काल में अपनी शिक्षा, स्वास्थ्य, खेल कूद और व्यायाम पर पूर्ण रूप से ध्यान रखना चाहिए। हर व्यक्ति को अपने जीवन में सफल होने के लिए शिक्षित होना बहुत ही आवश्यक होता है।  विद्यार्थी जीवन का हमारे जीवन का वह काल होता है, जहां हम अपने जीवन के बाकी बचे हुए समय के लिए अपने कौशल को सीखते और विकसित करते हैं। 

 मनुष्य के लिए विद्यार्थी जीवन बहुत महत्वपूर्ण होता है, बाल्यकाल से ही मनुष्य का विद्यार्थी जीवन आरंभ हो जाता है। मनुष्य का बाल्यकाल कोमल पौधों के समान होता है, जिसे समुचित देखभाल और मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है। विद्यार्थी जीवन में मनुष्य ज्ञान अर्जित करता है, साथ ही उसे आगे बढ़ने की प्रेरणा भी मिलती है। 

विद्यार्थी को अपने जीवन में पढ़ाई के अलावा खाने पीने में भी ध्यान देना चाहिए क्योंकि इसी उम्र में विद्यार्थी का शारीरिक विकास भी होता है। यदि विद्यार्थी को पर्याप्त भोजन ना मिले तो उसमें दुर्बलता आ जाएगी और वह मन लगाकर पढ़ाई भी नहीं कर पाएगा। विद्यार्थी को कभी भी मोबाइल,  टेलीविजन, कंप्यूटर आदि चीजों की ओर ज्यादा रुचि नहीं लेनी चाहिए क्योंकि यह चीजें विद्यार्थी को अक्सर पढ़ाई से भटकाती रहती है।

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विशेषताएँ: (Vidyarthi jeevan essay in Hindi)

यह समय जीवन का सवेरा होता है। सीखने के लिए परिवार समाज और विद्यालय का वातावरण उसके सामने बिछा रहता है। यह समय लगता सीखने और नए-नए ज्ञान प्राप्त करने का होता है। इस अवस्था में छात्रों का एकमात्र काम विद्याज्ञान को प्राप्त करना होता है। यह जीवन केवल विद्यालय जाकर किताबी ज्ञान प्राप्त करने के लिए नहीं होता है अपितु घर,  बहार, समाज मैं उसको पग- पग पर बहुत कुछ सीखना होता है। 

सुखमय अवस्था:

विद्यार्थी जीवन, जीवन की मधुरता अवस्था होती है।  यह प्रसन्नता एवं आनंद की अवस्था होती है। इस अवस्था में सहा सहा होता है। उसे जीवन की कोई अन्य चिंता नहीं होती और कोई बात भी नहीं होता है। यह जीवन की स्वतंत्र अवस्था होती है ना रोटी दाल के चंदा ना कपड़े की फिकर। उसके जीवन में चिंता एवं दुख पानी के बुलबुलों के समान आते हैं और अगले ही क्षण मिट भी जाते हैं। उछलना, कूदना और ठहाका मारकर हंसना इस जीवन की आम बात होती है। इस सुख में जीवन की याद मनुष्य को जीवन भर रहती हैं।

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विद्यार्थी जीवन पर 10 वाक्य Few Lines on Vidyarthi jeevan essay in Hindi

  1. विद्यार्थी यह शब्द- विधा + अर्थी से बना हुआ है। जिसका अर्थ होता है- विद्या प्राप्त करने वाला। 
  2. केवल विद्या प्राप्त करने से विद्या हासिल नहीं होती है। 
  3. उसको प्राप्त करने के लिए बहुत कठिन परीक्षण करना पड़ता है।
  4. ‘विद्यार्थी जीवन’ को मानव का आधार माना जाता है। 
  5. किसी भी व्यक्ति के जीवन के सभी कालों में से विद्यार्थी जीवन का कॉल बहुत ही महत्वपूर्ण होता है। 
  6. एक व्यक्ति के जीवन में विद्यार्थी काल बाल्यकाल से ही शुरू हो जाता है। 
  7. बाल्यकाल कोमल पौधों के समान होता है, जिस को सही मार्गदर्शन की बहुत जरूरी होती है। 
  8. विद्यार्थी जीवन सोने के समान होता है, जिसको जितना घिसा जाए उतना ही चमकता है। 
  9. विद्यार्थी जीवन में ही व्यक्ति का मानसिक विकास होता है।
  10. इसलिए विद्यार्थी जीवन में सही शिक्षा मिली बहुत आवश्यक होता है।

उपसंहार 

यह जीवन है, तो बहुत आनंदपुर पर विद्यार्थी के कंधों पर प्राप्त करने की गंभीर जवाबदेही भी रहती है। जो इस जीवन का उपयोग पढ़ने, लिखने और ज्ञान प्राप्त करने में करता है। उसका भविष्य का जीवन सुख में बन जाता है।  इसके विपरीत जो छात्र अपने समय को केवल  खेलने- कूदने और बेकार काम में बर्बाद कर देते हैं, उनके भविष्य का जीवन दुख में और कठिन भारत गुजरता है। वैसे लोग जीवन भर पछताते रहते हैं। समय बीत जाने पर पछताने से कुछ हाथ नहीं आता केवल पछताते ही रहते हैं। अतः इस जीवन में सतर्क होकर समय का सदुपयोग करना चाहिए। 

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अंतिम विचार:- इस लेख में आपने विद्यार्थी जीवन पर निबंध(Vidyarthi jeevan essay in Hindi) पढ़ा है। आशा करते है, आपको ये निबंध पसंद जरूर आया होगा और आपके लिए मददगार होगा। यदि आपको ये निबंध पसंद आया हो तो आप इसे अपने दोस्तों को शेयर करके उनकी मदद जरूर करे। 

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